गायक: गुरी गीतकार: लजी सुरपूरिया संगीतकार: दीप जन्दू दीप जन्दू, गुरी, गीत MP3 हो उत्तों उत्तों रेहन्दा तेरा यार हसदा पर अन्दरों तां जल के स्वाह हो गया (2) उपर उपर से तुम्हारा यार हंसता रहता है अंदर तो वो जल क राख (स्वाहा) हो गया है हो याराँ बेलियन दे नाल महफिलान सजौंदा शाम नू ग्राउंड विच ग़मे सी ओह लौंडा (2) यारों के साथ महफ़िल जमाता था शाम को ग्राउंड मे उनके साथ खेलता था कहदा पेया आशिकी दी लाइन विच बीबा तेरा लारेयान ना साची नि तबाह हो गया ऐसा पड़ा आशिकी की लाइन मे लड़की तुम्हारे झूठे वादों मे तबाह हो गया हो उत्तों उत्तों रेहन्दा तेरा यार हसदा पर अन्दरों तां जल के स्वाह हो गया (2) उपर उपर से तुम्हारा यार हंसता रहता है अंदर तो वो जल क राख (स्वाहा) हो गया है
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