दिल नहीं मनदा – Dil Nahi Mannda – Hindi Me Matlab – गुरनाम भुल्लर (Gurnam Bhullar)
गायक: गुरनाम भुल्लर
संगीतकार: पंजाबी कॉप्स
गीतकार: सत्ता शिवगढ़
उस कमली नू किंझ संझावान मैं
दिल होर किते कींज लावन मैं
उस लड़की को कैसे समझाऊं मैं
दिल किसी और से कैसे लगाऊं मैं
उस कमली नू किंझ संझावान मैं
दिल होर किते कींज लावन मैं
मैं धरती दा वासी हन
ओह ते टुकड़ा है छन्न दा
उस लड़की को कैसे समझाऊं मैं
दिल किसी और से कैसे लगाऊं मैं
मैं धरती पर रहने वाला हूँ
वो चाँद का एक टुकड़ा है
मैं कहा छड दे तू मैनु
केहंदी मेरा दिल नहीं मनदा (2)
मैने कहा छोड़़ दो मुझे
कहती है मेरा दिल नही मानता (तुम्हे छोड़़ने क लिए)
वे नाते दुनिया दे नलो
सानू तोड़ने पैने (2)
दुनिया के सारे नाते
हुँने तोड़ने पड़ेंगे
आईना अखियाँ विचों अतर
वे सानू रोड़ने पैने
सॅचा प्यार सज्जना वे
कड़े वी हार नई मनदा
आँखों से आँसू
हुँने रोने पड़ेंगे
सच्चा प्यार संज्ञा
कभी हार नही मानता
मैं कहा छड दे तू मैनु
केहंदी मेरा दिल नहीं मनदा
मैं कहा छड दे तू मैनु
केहंदी मेरा
मैने कहा छोड़़ दो मुझे
कहती है मेरा दिल नही मानता
मैने कहा छोड़़ दो मुझे
कहती है
पंजाबी कॉप्स
नित्त ही ख़यलन विच तेरी
इक तस्वीर बनौनी आ (2)
हुमेशा ही ख़यालों मे तुम्हारी
एक तस्वीर बनती रहती हूँ
मान के रांझा मैं तैनू
खुद नू हीर बनौनी आ
मैं जोड़ूं नाता सजना वे
तख्त हज़ारे ते छान्न दा
तुमको रांझा मान कर
खुद को हीर बनती रहती हूँ
मैं तुमसे नाता जोड़ूँगी सजना
जैसे तख्त हज़ारा (एक शहेर का नाम) का चाँद से है (हीर रांझा तख्त हज़ारा से थे)
मैं कहा छड दे तू मैनु
केहंदी मेरा दिल नहीं मनदा (2)
मैने कहा छोड़़ दो मुझे
कहती है मेरा दिल नही मानता
मैं सॉफ पानी जही सज्जना वे
जड़ मर्ज़ी तू पुन लई (2)
मैं सॉफ पानी जैसी हूँ सजना
जैसे मर्ज़ी मुझे पी लो
शिवगढ़ दे सट्टेया वे
एक गॉल मेरी सुन्न लाई
एह गुद्द चोरी दा सजना वे
कोई शरेआम नही बाननडा
शिवगढ़ के सत्ता (गीतकार)
मेरी एक बात सुन लो
इस चोरी का संजा
कोई सारे आम नही बनता है
मैं कहा छड दे तू मैनु
केहंदी मेरा दिल नहीं मनदा (2)
मैने कहा छोड़़ दो मुझे
कहती है मेरा दिल नही मानता